नायब सिंह सैनी का शुरुआती करियर:
नायब सिंह सैनी कभी भाजपा में निवर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सथ संगठन मे मैं काम करते हुए कंप्यूटर ऑपरेटर थे। मनोहर लालभाजपा में संगठन मंत्री थे। तब मनोहर लाल भाजपा में अपने कार्यालय के सभी कर्मचारियों में अधिक भरोसा नायब सिंहसैनी पर ही करते थे। कई साल तकके भाजपा मुख्यालय में काम करने वाले सैनी ने कुछ समय संगठन की राजनीति को छोड़कर नारायणगढ़ में केवल ऑपरेटरके रूप मैं भी काम किया।
2014 में विधायक और 2019 में सांसद बने।
सनी 2014 में पहली बार वह अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से विधायक बने। 2016 में उनका हरियाणा सरकार मैं श्रम रोजगार मंत्री बनाया गया। इस दौरान वह खनन और भूमि ज्ञान मंत्री और नवीन और नवीन करनी है ऊर्जा मंत्री भी रहे। 2019 में लोकसभा चुनावमें उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी और कांग्रेस प्रत्याशी निर्मलसिंह को 384591 वोट से पराजित किया था।
नायक सिंह सैनी का परिचय और शिक्षा:
मेरठ की सीसीयू यूनिवर्सिटी से की कानून की पढ़ाई।
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले नायब सिंह सैनी का जन्म में अंबाला के गांव मिर्जापुर माजरा में 25 जनवरी 1970 को हुआ था। उन्होंने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है।
राजनीति में शुरुआती करियर:
109 दिन में ही कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी नायाब बन गए। मनोहर लाल के विश्वासपात्र सैनी को 27 अक्टूबर 2023 को भाजपा में ओमप्रकाश धनखड़ की जगह प्रदेशअध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद प्रदेश में बदले राजनीतिक समीकरण के बीच उन पर भाजपा ने बड़ा सियासी दाव खेला है। उनकी सादगी साफ छवि, लो प्रोफाइल, ओबीसी नेता और हाई कमान और संघ में पकड़ के चलते मुख्यमंत्री बनाया गया है।
पार्टी में एक से चढ़कर उभरे 54 साल की सैनी ने 1996 में सैनी ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत भाजपा संगठन से की थी। साल 2000 तक उन्होंने यहां कामकाज किया। साल 2002 में उनका अंबाला में युवा विंग का जिला महासचिव बनाया गया और 2005 में अंबाला में जिला अध्यक्ष। 2009 में वह हरियाणा में भाजपा किसान मोर्चा के राज्य महासचिव बने। साल 2012 में दोबारा अंबाला से भाजपा का जिला अध्यक्ष पद सौंपा गया।
भाजपा में पहली बार एक ही व्यक्ति के पास तीन पद।
पहली बार हुआ है जब किसी के पास से राजनीतिक दल में तीन सबसे महत्वपूर्ण पद रहे हो। नायब सिंह सैनी इस समय कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। पार्टी ने उन्हें 27 अक्टूबर को बीजेपी हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। इस पद पर काम करते हुए उन्हें 6 माह पूरे भी नहीं हुए थे कि उन्हें मुख्यमंत्री का पद दिया गया।
सैनी का बेटा पिता की राह पर,
बेटा भी पिता की राह पर, कर रहा लॉ की डिग्री।
मुख्यमंत्री सैनिक 18 वर्षीय बेटा अनिकेत चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से ला प्रथम वर्ष का छात्र है तो 17 वर्षीय बेटी वाशिका भी चंडीगढ़ में 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही है। इनके भाई चंदन सैनी गांवमें खेती-बाड़ी करते हैं। उनके भाई की पत्नी उषा गृहिणी है। उनके चचेरे भाई रणधीर सैनी बताते हैं की उनका राजनीतिकमें जाकर लोगों का सेवा करने का शुरू से ही मन था। उसके बाद भाजपा से जुड़कर वह पहले संगठन के लिए कार्य करते रहे। इसके बाद संसद तक का सफर तय किया। उन्होंने नारायणगढ़में टीवी केबल का काम भी किया है।
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