पीवी सिंधु की जीवन परिचय।
पीवी सिंध का पूरा नाम पुसरला सिंधु है। उनका जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में हुआ था। सिंधु के पिता का नाम पीवी रमन और माता का नाम पी विजया है। माता-पिता दोनों ही नेशनल लेवल के वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं।सिंधु की बड़ी बहन पीवी दिव्या भी हेडबॉल खिलाड़ी रह चुकी है। उनके पिता ने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में ब्रांच मेडल जीता था। बाद उन्हें वॉलीबॉल खेल में योगदान के लिए साल 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। 13 साल बाद 2013 में सिंधु को भी अर्जुन अवार्ड मिला था। 25 अगस्त 2019 का दिन भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु के लिए बेहद खास इसी दिन उन्होंने स्विट्जरलैंड के बेसर शहर में जापान की निजामी ओंकुहारा को विश्व बैडमिंटन चैंपियन सीप के फाइनल में मात दी थी। लेकिन यह जीते स्पेशल थी क्योंकि इस दिन सिंधु की मां का जन्मदिन था। जब पूरी दुनिया सिंधु को देख रही थी तब सिंधु ने टीवी पर कहा कि मैं यह पुरस्कार मां को समर्पित करती हूं। आज मां का जन्म दिन है। यह मेरी तरफ से उनको तोहफा है। यह किस्सा इसलिए जरूरी है क्योंकि सिंधु की यात्रा में परिवार का अहम योगदान रहा है। पीवी रमन हर दिन सुबह 3:00 बजे उठते थे और 12 साल तक अपनी बेटी को बैडमिंटन ट्रेनिंग के लिए 60 किलोमीटर गाड़ी चलाकर ले जाते थे।
सिंधु की बहन दिव्या के साथ भी उनका एक रोचक के किस्सा है। उनका कहना है कि बचपन मैं उनकी बहन घर के पास बैडमिंटन खेलती थी। जब एक बार सिंधु साथ खेलने को कहा तब बहन ने जवाब दिया कि तुम्हें तो खेलने आता नहीं है। अब जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो इस पर हंसते हैं। क्योंकि किसी ने नहीं सोचा था कि मैं एक प्लेयर बनूंगी। वहीं सिंधु के बारे में कम लोग जनते हैं कि उन्होंने mba भी किया है। एक इंटरव्यूम उन्होंने बताया की जब मैं एमबीए किय तो कई बार टूर्नामेंट के कारण एग्जाम नहीं दे पाती थी। ऐसे में उन्हें सप्लीमेंट्री एग्जाम देने परते थे। कई बार उन्हें शर्म भी आती थी क्योंकि लोग पूछते थे कि क्या वह परीक्षा में फेल हो गई है। जो सप्लीमेंट्री देना पड़ रहा है।
सचिन ने सिंधु को गिफ्ट में दी थी बीएमडब्ल्यू कार।
2016 में रियो ओलंपिक में सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता था। इसी पर सचिन तेंदुलकर ने सिंधु को बीएमडब्ल्यू कार तोहफे में दिया था। सिंमें ने एकइंटरव्यू में बताया था कि जब उन्होंने 2014 में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लिया था तो उन्होंने यानी सचिन तेंदुलकर ने था कि अगर वह 2016 में ओलंपिक में मेडल जीतती है तो वह आकर मुझे एक कर देंगे।
14 साल की उम्र में जीता था अपना पहला मेडल।
पीवी सिंधु ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला पदक साल 2009 में जीता था। इसके बाद साल 2013 में उन्होंने विश्वचैंपियन में कश मेडल जीता। 2014 में विश्वचैंपियन एशियन गेम्स और नेशनल गेम्स में कांस्य पदक जीत चुकी है। 2016 के रियो ओलंपिक में सिंधु ने सिल्वर मेडल जीत कर इतिहास रचा था।
पीवी सिंधु की अनोखी बातें।
पीवी सिंधु जब 6 साल की थी तब उन्होंने पुलेला गोपीचंद को ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बनते देखा था। यही से उन्हें बैडमिंटन खेलने की प्रेरणा मिली थी।
पीवी सिंधु चर्चा में क्यों:
22 दिसंबर को पोसिडेक्स के कार्यकारी निदेशक वेंकट दत्ता के साथ है शादी के बंधन में बांधने वाली है।
पीवी सिंधु की शिक्षा।
पीवी सिंधु की पढ़ाई और ऑक्सीलियम हाई स्कूल और सेंट इन कॉलेज फॉर वूमेन हैदराबाद से एमबीए की पढ़ाई की है।
पीवी सिंधु की नेटवर्थ
पीवी सिंधु की नेटवर्क थे 60 करोड़ रूपया लगभग है। यह आंकड़ा फोर्ब्स की सूची के अनुसार है।
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