प्रतीक रावत: भारतीय क्रिकेट के उभरता सितारा, जिन्होंने पहले ही रचा था इतिहास।


प्रतिका रावल भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक उभरती हुई खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से क्रिकेट जगत में विशेष पहचान बनाई है।
प्रतीक रावल की जीवन परिचय।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: प्रतिका रावल का जन्म 1 सितंबर 2000 को दिल्ली के प्रीत नगर में हुआ था। उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा दिल्ली के बाराखंभा रोड स्थित फ़ोर्सिड स्कूल से प्राप्त की और बाद में जीसस एंड मैरी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। छात्रा के रूप में मेधावी ने 12वीं कक्षा में 92.5% अंक हासिल किए। शुरुआत में उनकी रुचि विचारधारा में थी, लेकिन क्रिकेट के प्रति जुनून ने उन्हें इस खेल में रुचि पैदा करने के लिए प्रेरित किया।

प्रतिका रावल वर्तमान में भारतीय महिला क्रिकेट टीम में एक उभरती हुई खिलाड़ी के रूप में जानी जाती हैं।

उन्होंने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई बेहतरीन प्रदर्शन किये हैं। प्रतिका विशेष रूप से सैमसंग बैटर (ओपनिंग बैटर) के रूप में अपनी आक्रामक प्रतिद्वंद्वियों शैली और तकनीकी कौशल के लिए जानी जाती हैं।

प्रमुख बातें उनके क्रिकेट इतिहास की:
घरेलू क्रिकेट:
प्रतिका ने भारतीय घरेलू टूर्नामेंट जैसे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया है।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट:
भारतीय महिला टीम में शामिल उन्होंने अपना दमखम दिखाया। उनकी सबसे बड़ी ताकत तेज स्ट्राइक, लंबी और लंबी पारियां झेलने की क्षमता है।

विशेष उपलब्धियाँ:

अपने पहले ही इंटरनेशनल फॉर्मेट में 70+ रन की शानदार पारी खेलने वाले खिलाड़ी ने सबका ध्यान खींचा।
2024 की महिला टी20 विश्व कप में उनका प्रदर्शन जारी है।


प्रतीक रावल: भारतीय क्रिकेट का नया सितारा, जिसने सबसे पहले इतिहास रचा था

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की नई फ्रेंचाइजी स्टार प्रतीका रावल ने आयरलैंड के खिलाफ अपने करियर का पहला शतक जड़ते हुए इतिहास रच दिया है। यह शतक उन्होंने 100 गेंदों में पूरा किया, जिससे उनके हथियार और प्रतिभा साबित हो गए। कॉम्बा ने अपने करियर का पहला शतक केवल छठी पारी में बनाया, जो उनके शानदार फॉर्म का प्रमाण है। उन्होंने 22 दिसंबर 2024 को वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था, और तब से लेकर अब तक उन्होंने लगातार अपने पत्रकारों से प्रभावित किया है।

शानदार आंकड़े: 6 मैचों में 444 रन
इग्नू ने भारत के लिए अब तक 6 रन बनाए हैं, जिनमें 444 रन बनाए गए हैं। उनका औसत 60 से भी ज्यादा है। इन पारियों में वे 3 शतक और 1 शतक जमाया है। स्मृति मंधाना के साथ उनकी क्लासिक जोड़ी ने भारतीय टीम के लिए मैच जीतने वाली पार्टनर का पर्याय बनाया है। उन्होंने मंधाना के साथ 2 शतकीय साजिटियां, 1 बार साउदी शेयरधारक की साझेदारी और 1 बार द्विपक्षीय साझेदारी की साझेदारी की है।

आयरलैंड की एस्टेबल सीरीज में प्रतीका के खिलाफ अब तक 310 रन बने हैं, जिसमें उनकी कॉन्स्टेंट फिफ्टी और एक शानदार शतक शामिल है।

खेल के प्रति जुनून: संजू की बेटी बनीं खिलाड़ी
प्रतीका रावल के क्रिकेट सफर की शुरुआत बचपन में ही हो गई थी। उनके पिता प्रदीप रावल, बीसीसीआई के लेवल-2 अंपायर हैं, अन्य खेलों के प्रतीक चिन्ह को विरासत में मिलाते हैं। बास्केटबॉल के दिनों में गोल्ड मेडल जीतने वाली प्रतीका को कॉलेज के दिनों में लगा कि उनकी असली प्रतिभा क्रिकेट में है। इसके बाद उन्होंने पेशेवर खिलाड़ी बनने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए सीक्वल मेहनत शुरू कर दी।

घरेलू क्रिकेट से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक का सफर
घरेलू क्रिकेट में प्रतीका ने अपने पहले ही सीज़न में 49.50 के औसत से 247 रन बनाए थे। 2021 में असम के खिलाफ 155 गेंदों पर 161 रन की यादगार पारी ने सभी का ध्यान खींचा। 2022-23 के सीजन में उन्होंने 14 मैचों में 552 रन बनाए, जिसमें 5 आतिथ्य शामिल थे। अगले सीज़न में उन्होंने 7 पारियों में 411 रन बनाए और भारतीय सेलेक्शन रियाल का ध्यान अपनी ओर खींचा।

आगे की कहानी
प्रतीकात्मक रावल ने कम समय में ही यह साबित कर दिया कि वह भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं। उनकी तकनीकी प्रयोगशाला, मानसिक दृढ़ता और खेल के प्रतिरूप उन्हें लंबी दौड़ का घोड़ा बनाते हैं। आने वाले समय में वह निश्चित रूप से भारतीय टीम के लिए और भी बड़ी पारियां खेलेंगी और देश का नाम रोशन करेंगी।

निष्कर्ष
प्रतीक रावल की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो खेल के प्रति जुनून रखते हैं। घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छाप छोड़ने तक, उनके सफर का उदाहरण है कि मेहनत और दान से भी कुछ हासिल किया जा सकता है

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Wikipedia

खोज नतीजे